आपने दुनिया के 7 अजूबों के बारे में सुना तो जरूर होगा, मगर भारत में स्थित 7 अजूबे कौन – कौन से है ये बहुत कम लोग जानते होंगे| तो चलिए आज हम आपको भारत के 7 ऐसे स्थलों के बारे में बताते है जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भी विश्वविख्यात है|
भारत में स्थित 7 अजूबे
ताजमहल, आगरा
विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजमहल जो आगरा में स्थित है| इस महल को साल 1628 से 1658 के बीच मुग़ल बादशाह शारजहां ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज महल की याद में बनाया था| इस बेहद खूबसूरत ईमारत को देखने के लिए केवल भारत से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से कई पर्यटक आते है|
स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
श्री हरमंदिर साहिब (देवस्थान) जिसे श्री दरबार साहिब और विशेष रूप से स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है| यह मंदिर सिख धर्म के लोगों का धार्मिक गुरुद्वारा है, जिसे भारत के पंजाब में अमृतसर शहर में स्थापित किया गया है| इस मंदिर की स्थापना साल 1574 में चौथे सिख गुरु रामदासजी ने की थी| पांचवे सिख गुरु हरमंदिर साहिब ने इस मंदिर को डिज़ाइन किया था|
सूर्य मंदिर, ओडिसा
13 वीं शताब्दी में बने कोणार्क सूर्य मंदिर उड़ीसा राज्य के जगन्नाथ पूरी से करीब 35 किमी उत्तर-पूर्व में कोणार्क नामक शहर में प्रतिष्ठित है| इस मंदिर को साल 1984 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को ने मान्यता दी है| यह मंदिर बहुत बड़े रथ के आकर में बना हुआ है, जिसमे कीमती घातुओं के पहिये, पिलर और दीवारें बनी है| आश्चर्यचकित प्राचीन निर्माण कला का अद्भुत कोणार्क मंदिर यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल भी है|
खजुराहों, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहों शहर में बना यह प्राचीन मंदिर स्थित है| इतिहासकारों के मुताबिक 12 वीं शताब्दी से खजुराहों मंदिर के समूह में कुल 85 मंदिर है, जो 20 किलोमीटर वर्ग के दायरे में फैले हुए है| इनमे से अब केवल 20 मंदिर ही बचे हुए है जो 6 किलोमीटर के दायरे में फैले हुए है| इन मंदिरों में हिन्दू और जैन धर्म की परंपराओं और उनके इतिहास का वर्णन किया गया है| इस मंदिर का निर्माण 950 और 1050 ई में चंदेल साम्राज्य के समय में किया गया था|
नालंदा विश्वविद्यालय, पटना
इस विशाल बौद्ध मठ का निर्माण भारत के मगघ साम्राज्य यानी वर्तमान में बिहार में किया गया था| यह जगह बिहार शरीफ नगर से पटना के दक्षिण की तरफ 95 किलोमीटर दूर है| यह स्थान 7 वीं शताब्दी से 1200 ई तक पढ़ने का मुख्य स्थान था| इस विश्वविद्यालय में तिब्बत, चाइना, कोरिया और मध्य एशिया से भी लोग पढ़ने के लिए आते थे|
इस ऐतिहासिक धरोहर को मामलूक साम्राज्य के बख्तियार खिलजी ने अपनी सेना के साथ मिलकर तबाह कर किया था| वर्तमान में नालंदा एक प्रसिद्द और पयटकों को आकर्षित करने वाला स्थल है जहां भारी मात्रा में बौद्ध समुदाय के लोग अकसर आते है|
धोलावीरा, गुजरात
पश्चिम भारत के गुजरात राज्य में कुटच जिले के भचाऊ तालुका के खादिरबेट गांव की एक जगह है| यह गांव राधनपुर से करीब 165 किमी दूर है| यहां के स्थानीय लोग इसे कोटड़ा टिम्बा भी कहते है जिसका कारण इस जगह पर प्राचीन इंडस घाटी सभ्यता और हड़प्पा शहर के खंडहर पड़े हुए है|
यह जगह हड़प्पा संस्कृति से संबंध रखने वाली भारत की प्रमुख आर्कियोलॉजिकल जगहों में से एक है| 120 एकर में फ़ैली इस जगह को साल 1967-68 में जे. पी. जोशी ने की थी, जो कि डी.जी. के ए. एस. आय थे और इसका उत्खनन साल 1990-91 में रविंद्रसिंह बिस्ट ने किया था| यह स्थल अपनी अद्भुत नगर योजना और विशेष जलप्रबंधन व्यवस्था के कारण सिंधु सभ्यता का एक अनूठा नगर था|
हम्पी, कर्नाटक
यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त यह जगह उत्तरी कर्नाटक में स्थित है| सम्राट अशोक के माइनर रॉक शिलालेख नट्टुर और उड़ेगोलन के अनुसार यह साम्राज्य 3 री शताब्दी के दौरान अशोक साम्राज्य का ही भाग था| यहां घाटियों और टीलों के बीच 500 से भी अधिक स्मारक चिन्ह है| इनमें मंदिर, महल, तहखाने, जल-खंडहर, पुराने बाज़ार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष ऐसी कई इमारतें है| हर साल यहां हजारों की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते है|
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