बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक और अभिनेता Guru dutt के जीवन की जब भी बात की जायेगी उसमें उनकी पत्नी Geeta Roy का नाम जरूर आएगा। गुरुदत्त की मौत के एक रात पहले उन्होंने गीता से फ़ोन पर बात की थी, बात क्या यूं कहें तो लड़ाई की थी।
Geeta Roy
23 नवंबर 1930 को बंगाल के एक जमींदार परिवार में जन्मी गीता रॉय एक अभिनेत्री होने के साथ-साथ एक गायिका भी थी। गायिका गीता रॉय का फ़िल्मी सफर जितना सफल रहा, उसके ठीक उल्टे उनका निजी जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा।
Guru duttऔर गीता रॉय की मुलाक़ात
Guru dutt और गीता रॉय की पहली मुलाकात देव आनंद के घर पर हुई थी जहां गीता दत्त ने एक गाना गाया था और उसी गाने को सुनकर गुरु दत्त ने अपनी फिल्म ‘बाजी’ के लिए गीता को गाना गाने का ऑफर दिया था। ‘बाज़ी’ के ही सेट पर दोनों के बीच प्यार हुआ।
उस समय गीता रॉय एक पार्श्व गायिका के रूप में मशहूर हो चुकी थीं। उनके पास एक लंबी गाड़ी हुआ करती थी, वो Guru dutt से मिलने उनके फ्लैट पर आया करती थीं। अपने घर से वो ये कह कर निकलती थीं कि वो गुरु दत्त की बहन से मिलने जा रही हैं।
गुरु दत्त और गीता दत्त के रिश्तों में दरार
फिल्म ‘बाजी’ रिलीज हुई साल 1951 में और ठीक 2 साल बाद 1953 में Guru dutt और गीता रॉय ने शादी कर ली। गुरु दत्त की ऐतिहासिक फिल्म ‘प्यासा’ जब बन रही थी तभी गीता और गुरु दत्त के बीच दूरियां आनी शुरू हो गईं। कहा जाता है गुरु दत्त अपनी हीरोइन Waheeda Rehman के प्रति आकर्षित हो रहे थे। अब गुरु दत्त और गीता के रिश्ते में प्यार कम शक ज्यादा रह गया था।
सत्या सरण अपनी किताब ‘गुरु दत्त के साथ एक दशक’ में लिखती हैं- दत्त और वहीदा के रिश्ते के पनपने का सबसे बड़ा कारण गीता थीं। इस रिश्ते के टूटने का कारण भी गीता ही बनीं। जब गुरु दत्त के तथाकथित रूप से मुसलमान बनकर वहीदा से निकाह करने का बवाल खड़ा हुआ तो उस समय गीता लंदन में थीं।
गीता, लंदन से घर वापस आने के बजाय कश्मीर चली गईं। दिन हफ्ते में बीत गए हफ्ते महीनों में। गीता वापस आने का नाम नहीं ले रही थीं। इस बीच Guru dutt को पता चला कि गीता किसी पाकिस्तानी पुरुष के साथ वक्त बिता रही हैं।
गुरु दत्त ने अपने रिश्ते को एक और मौका देना चाहते थे इसलिए दत्त ने वहीदा रहमान को ठुकरा दिया। यह सब उन्होंने इसलिए किया ताकि गीता उस पराए मर्द को छोड़कर वापस उनके पास चली आएं। दत्त ने गीता के साथ अपना जीवन नए सिरे से शुरू किया लेकिन कुछ समय बाद दोनों फिर अलग हो गए। ऐसा नहीं है कि गीता को गुरु दत्त से प्यार नहीं था।
Guru Dutt की मौत का कारण
Guru Dutt ने आत्महत्या वाली रात गीता दत्त से फोन पर बेटी के लिए लड़ाई की थी। 10 अक्टूबर 1964 को गुरु दत्त कमरे में मृत पाए गए। बताया जाता है कि वह शराब और नींद की गोलियां मिलाते थे। उनकी मृत्यु आत्महत्या हो सकती है, या फिर एक आकस्मिक अतिदेय हो सकती है। यदि ये आत्महत्या है, तो यह उनका आत्महत्या का तीसरा प्रयास होता।
दत्त के बेटे अरुण ने मौत को एक दुर्घटना माना। दत्त ने रंगीन फिल्मों के निर्माण पर चर्चा करने के लिए अगले दिन अभिनेत्री माला सिन्हा और अभिनेता राज कपूर के साथ उनकी फिल्म ‘बहारें फिर भी आएंगी’ के लिए समय निर्धारित किया था।
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अरुण के अनुसार: “मेरे पिता को नींद की बीमारी थी और किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह नींद की गोलियां खाते थे। उस दिन उन्होंने नशे में थे और गोलियों की अधिक मात्रा ले ली थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। यह अत्यधिक शराब और नींद की गोलियों का एक घातक संयोजन था। ”
गुरु दत्त अपनी मृत्यु के समय, दो अन्य फिल्मों में काम कर रहे थे – पिकनिक, जिसमे अभिनेत्री साधना उनके साथ थी और निर्देशक के. आसिफ की महाकाव्य, लव एंड गॉड। पिकनिक ये फिल्म अधूरी ही रह गयी और करीब दो दशक बाद फिल्म लव एंड गॉड को रिलीज़ किया गया क्योंकि इस फिल्म को पूरी तरह से फिर से शुरू किया गया था, जिसमें संजीव कुमार ने दत्त की जगह प्रमुख भूमिका निभाई थी।
गुरु दत्त की मृत्यु के बाद
गुरु दत्त की मृत्यु के बाद घर चलाने के लिए गीता को फिर काम शुरू करना पड़ा। गुरु दत्त की मौत के बाद गीता ने बहुत शराब पीनी शुरू कर दी।
शोज और रिकॉर्डिंग में उनके खूब शराब पीकर आने के किस्से भी सुनाई देते रहे। आर्थिक स्थिति भी बिगड़ गई और अंत में साल 1972 में लिवर की बीमारी के चलते Geeta Dutt की भी मौत हो गई। वो सिर्फ 42 साल की थीं।
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