'दक्षिण ऑस्ट्रेलिया' में स्थित इस गांव का नाम 'कूबर पेडी' है| इस जगह को 'ओपल कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड' भी कहा जाता है, क्यूंकि यहाँ विश्व की सबसे ज्यादा यानी लगभग 2 लाख 50 हजार से भी ज्यादा खदाने है|
साल 1915 में इस जगह पर 'ओपल' नामक एक कीमती पत्थर को खोजने के लिये खदाने बनाने का काम शुरू किया गया था| जो बड़ी तादात में किया गया|
इस जगह के रेतीले होने की वजह से यहाँ गर्मियों में तापमान बहुत ज्यादा और सर्दियों में बहुत कम हो जाता है| जिसकी वजह से यहाँ काम करने वाले लोगों को रहने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था|
उस समय लोगों ने यहाँ रहने के लिये एक तरकीब लगाई और इस जगह पर काम होने के बाद, बनी हुई खदानों में रहना शुरू कर दिया| अब यहाँ करीब साढ़े 3 हजार से भी ज्यादा लोग इन घरों में रहते है|
कूबर पेडी के इन घरों को देखकर ऐसा लगता है, मानो जैसे किसी होटल में आकर रह रहे हो| यहाँ के घरों में तीन 'बैडरूम', 'लिविंग रूम' और 'किचन' भी बनाये हुए है|
गांव में स्थित एक अंडरग्राउंड 'चर्च' भी है| एक 'बियर बार' जहाँ यहाँ आने वाले टूरिस्ट अपना समय व्यतीत करते है| कई दुकाने है जैसे ये 'ज्वेलरी' के दूकान
चारों तरफ से रेगिस्तान से घिरे हुए होने के बावजूद इन घरों के तापमान हमेशा साधारण ही रहते है| गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा 27 डिग्री और सर्दियों में कम से कम 14 डिग्री तक सीमित रहते है|
रेगिस्तानी जगह का भी भरपूर फायदा उठाते हुए यहाँ लोग 'गोल्फ' भी खेलने आते है| दिन में बाहर गर्मी बहुत ज्यादा होती है, इसीलिए गोल्फ रात में एक चमकती हुई बॉल के साथ खेला जाता है|