खिलने पर इसकी ऊंचाई लगभग 3 मीटर तक होती है| जो एक मानवी ऊंचाई से भी ज्यादा है| इस प्रजाति के फूल के सुर्ख़ियों में आने के बाद दुनिया के कई देशों ने इसे अपने अपने देशों में जगह दी है|
इन फूलों का व्यास लगभग 1 मीटर तथा वज़न 10 किलोग्राम तक हो सकता है| यह फूल रेफ्लीसिया (Rafflesia) फूल से भी मिलता जुलता है| रेफ्लीसिया की अन्य प्रजातियां भी हैं जिनमें से सबसे छोटी प्रजाति का व्यास 20 सेमी है|
इस फूल में खुशबू नहीं, बल्कि सड़े हुए मांस की तरह महक आती है| इसीलिए इसे देखने के लिए आपको अपनी नाक बंद करनी पड़ती है| इसे दुनिया का सबसे बदबूदार फूल की पदवी मिली है|
'एमोर्फोफैलस टायटेनम' नामक यह फूल ज्यादातर इंडोनेशिया के सुमात्रा नामक क्षेत्र में पाया जाता है| अपनी 40 वर्ष की आयु में सिर्फ 4 बार खिलता है और वो भी सिर्फ 48 घंटे तक खिले रहने के बाद फिर से मुरझा जाता है|
शुरुवात में यह एक गाँठ जैसी संरचना बनाता है और उसके बाद एक बंदगोभी का आकार ले लेता है| इसके कुछ समय बाद इसकी पंखुड़ियाँ खुलने लगती हैं|
इस फूल में खुशबू नहीं, बल्कि सड़े हुए मांस की तरह महक आती है| इसीलिए इसे देखने के लिए आपको अपनी नाक बंद करनी पड़ती है| इसे दुनिया का सबसे बदबूदार फूल की पदवी मिली है|
स्पैडिक्स द्वारा जारी किए गए रसायनों के विश्लेषण से पता चला है कि इसकी बदबू लिम्बर्जर चीज़, लहसुन, सड़ी हुई मछली, पसीने से भरे मोज़े, मीठे फूलों की खुशबू, क्लोरैसेप्टिक और मल जैसी होती है|
पिछली बार यह फूल जापान के टोक्यो स्थित जिंदई बोटेनिकल गार्डन में जुलाई 2015 के चौथे सप्ताह में खिला था| टायटेनम की इस प्रजाति को दुनिया की सबसे सवेंदनशील प्रजाति की सूचि में शामिल किया गया है|