Image Credit : Google

भारत का इतिहास कई रहस्यों और घटनाओं से भरा है, जिनमें से एक है अफ्रीकन मूल के लोगों का भारत में बसना।

Image Credit : Google

आज हम आपको भारत में रहने वाले सिद्धि समुदाय के बारे में बताएंगे, जो अफ्रीकन मूल के होते हुए भी भारतीय संस्कृति को पूरी तरह अपना चुके हैं।

Image Credit : Google

सिद्धि समुदाय को हब्शी और बादशा के नामों से भी जाना जाता है। ये लोग अफ्रीकन मूल के हैं, लेकिन इनके भारत में आने का सही समय आज भी विवादित है।

Image Credit : Google

1931 की जनगणना के अनुसार, इस जनजाति के लोगों को 17वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा कैदी के रूप में लाया गया था।

Image Credit : Google

लेकिन, बुजुर्गों के मुताबिक, वे 15वीं सदी में ही मध्य भारत में आ चुके थे।

Image Credit : Google

1981 में सिद्धि जनजाति की जनसंख्या करीब 54,291 थी। वर्तमान में ये लोग गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के पश्चिमी तट पर बसे हुए हैं।

Image Credit : Google

भारत में गुजरात के राजकोट और जूनागढ़ जिले में इनकी मुख्य एकाग्रता है।

Image Credit : Google

सिद्धि समुदाय के लोग मांसाहारी होते हैं और उनकी बोलचाल की भाषा गुजराती और हिंदी है।

Image Credit : Google

उनके पहनावे भी हिन्दुस्तानी होते हैं। शक्ल-सूरत से अफ्रीकन दिखाई देने वाले ये लोग अब पूरी तरह से भारतीय हो चुके हैं और भारत की संस्कृति को अपना चुके हैं।

जानकारी अच्छी लगे तो इसे शेयर जरूर कीजियेगा|