वैसे तो बॉलीवुड खासकर अपनी फिल्मों के गीत-संगीत की वजह से जाना जाता है और आज-कल बॉलीवुड की फिल्मों में गाने ना हो तो फ़िल्में बेजान सी लगती है। भारतीय फिल्मों के गीत-संगीत कमाई का एक बहुत बड़ा जरिया भी है। मगर आज हम आपको कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे है जिनमें गाने ना होने बावजूद ये फिल्में बेहद सफल हुई है।
इत्तेफाक
साल 1969 में यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘इत्तेफाक’ में राजेश खन्ना और नंदा जैसे कलाकारों ने मुख्य भूमिका निभाई थी। यश चोपड़ा को बॉलीवुड में अपनी फिल्मों के गानों के लिए भी जाना जाता है मगर इस फिल्म में उन्होंने कोई भी गाना नहीं रखा था। महज एक रात की कहानी पर आधारित यह फिल्म बेहद सुपरहिट साबित हुई। हत्या के रहस्य पर बनी यह फिल्म दर्शकों को गानों की कमी खलने नहीं देती। इस फिल्म को ‘सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन’ और ‘सर्वश्रेष्ठ निर्देशन’ के लिए अवार्ड भी मिले थे।
जाने भी दो यारों
साल 1983 में नसीरुद्दीन शाह, रवि वासवानी, ओम पूरी, सतीश शाह और पंकज कपूर के अभिनय से सजी फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ एक कॉमेडी फिल्म है, जिसका निर्देशन कुंदन शाह ने किया था। हालाकिं इस फिल्म में एक गाना जरूर था मगर यह गाना ‘हम होंगे कामयाब’ खुद नसीरुद्दीन शाह और रवि वासवानी ने गाया था। दर्शकों को भरपूर हंसाने वाली कुंदन शाह की इस फिल्म को ‘नेशनल अवार्ड’ भी मिला था और रवि वासवानी को ‘बेस्ट कॉमेडियन’ का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था।
कलयुग
साल 1981 में श्याम बेनेगल के निर्देशन बनी फिल्म ‘कलयुग’ में शशि कपूर और राज बब्बर के साथ रेखा ने भी अभिनय किया था। दो घरानों के बीच दुश्मनी पर आधारित इस फिल्म में कोई भी गाने ना होने के बावजूद साल 1981 में ‘सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ का फिल्मफेयर अवार्ड जीता था। दर्शकों ने इस फिल्म को काफी पसंद किया था। बता दें कि इस फिल्म में बाल कलाकार के रूप में रंगीला फेम उर्मिला मांतोडकर ने भी अभिनय किया था।
कौन
साल 1999 में रामगोपाल वर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कौन’ में मनोज बाजपेयी, सुशांत सिंह और उर्मिला मांतोडकर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म का सस्पेंस ऐसा था कि दर्शकों को अपनी कुर्सी से हिलने का मौका ही नहीं मिले, लेकिन अगर इस फिल्म में कोई गाना होता तो जरूर दर्शकों का मन भटक जाता, जो इस फिल्म के ना हिट होने का कारण भी बनता। गाने नहीं होने के वजह से इस फिल्म को दर्शकों ने बेहद पसंद किया था।
ब्लैक
साल 2005 में संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘ब्लैक’ एक अंधी-बहरी लड़की और उसके टीचर की कहानी है जो अमेरिका के एक लेखक हेलेन कैलर के जीवन से मिलती जुलती है। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी के अभिनय से सजी इस फिल्म को दर्शकों का अच्छा प्रतिसाद मिला और साथ बहुत सारे अवार्ड्स भी मिले थे। गानों की संभावनाओं के बावजूद संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म को बिना गानों के बनाने का फैसला किया था जो बेहद सही साबित हुआ।
Real Vijay Dandekar Ki Kahani – मुंबई पुलिस अफसर विजय दांडेकर के साथ हुई थी ये सच्ची घटना
दोस्तों, इन फिल्मों के अलावा आपको और भी ऐसी फिल्मों के बारे में पता हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखकर उनके नाम बताये और अगर हमारी यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा।