हमारे देश में बचपन से ही हर बच्चे को ये सिखाया जाता है कि चोरी करना पाप होता है और चोरी करने वाले को कानून सजा देता है| लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहाँ चोरी करना न तो पाप होता है और न ही इसके लिए कोई सजा मिलती है| कहते है इस मंदिर में चोरी करने से मन की मुराद पूरी होती है|
चूड़ामणि मंदिर
जी हाँ दोस्तों, हमारे भारत में Uttarakhand के रुड़की के चुड़ियाला गाँव में एक प्राचीन मंदिर है जिसका नाम चूड़ामणि मंदिर है| आमतौर पर मंदिर में जाने वाले भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार मंदिर में चढाने के लिए नारियल और हार-फूल लेकर जाते है| मगर इस मंदिर में लोग चोरी करने जाते है|
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आपको बता दें कि इस मंदिर में चोरी करने के बाद किसी को जेल की या किसी भी प्रकार की कोई सजा नहीं होती है| यहाँ चोरी करने वाले लोग आस्था के नाम पर चोरी करते है| यहाँ के लोगों का मानना है कि चोरी करने से उनकी सभी इक्षाएं पूरी हो जाती है|
दरअसल, मान्यता के अनुसार जिन दम्पत्तियों को संतान प्राप्ति की चाह होती है, वे दंपत्ति इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए आते है| माता की मूर्ती के पास एक लकड़ी का गुड्डा रखा हुआ होता है, जो दंपत्ति को चुराकर ले जाना होता है| मनोकामना पूरी होने बाद इस दंपत्ति को अपने संतान के साथ फिर से इस मंदिर में आकर भंडारा करना होता है और साथ ही लकड़ी का गुड्डा चढ़ाना होता है|
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण साल 1805 में लंढौरा रियासत के राजा ने कराया था| कहा जाता है कि जब राजा यहाँ के जंगल में शिकार के लिए आये थे तो उन्हें माता की पिंडी के दर्शन हुए थे| राजा की कोई संतान नहीं थी तो राजा ने माता से पुत्रप्राप्ति का वरदान माँगा था| मन्नत पूरी होने पर राजा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था|
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