हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, धन और खुशहाली का सबसे बड़ा हिस्सा हमारे घर के वास्तु पर निर्भर करता है। यदि हमारे घर का वास्तु सही है, तो हमारे जीवन में नकारात्मकता कभी नहीं आ सकती। बड़े-बड़े व्यक्तित्व भी अपने घर को वास्तु के अनुसार बनाते हैं, और घर के वास्तु की शुरुआत घर के अंदर आने-जाने वाले दरवाजे से होती है। यदि हमारे घर के मुख्य दरवाजे का रंग-बिरंगा वास्तु के अनुसार हो, तो घर में लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होगी। आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे का सही रंग क्या होना चाहिए।
मुख्य दरवाजे का सही रंग चुनने का महत्व
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो घर के निर्माण और सजावट के माध्यम से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन लाने में मदद करता है। घर के मुख्य दरवाजे का रंग चुनते समय हमें दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हर दिशा का एक विशेष रंग होता है जो उस दिशा की ऊर्जा को संतुलित करता है और घर में खुशहाली और समृद्धि लाता है।
पूर्व दिशा का मुख्य द्वार
यदि आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा (पूर्व) में है, तो इसे हरा या दूधिया (ऑफ व्हाइट) रंग का रखना चाहिए। हरा रंग नई शुरुआत और विकास का प्रतीक है, जबकि दूधिया रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। यह रंग आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है और घर के सदस्यों के जीवन में संतुलन और समृद्धि लाता है।
पश्चिम दिशा का मुख्य द्वार
अगर आपके घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा (पश्चिम) में है, तो इसका रंग सफेद होना चाहिए। सफेद रंग शुद्धता और सहजता का प्रतीक है। यह रंग आपके घर में शांति और सुख का वातावरण बनाए रखता है और घर के सदस्यों को मानसिक शांति प्रदान करता है।
दक्षिण दिशा का मुख्य द्वार
यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा (दक्षिण) में है, तो इसे लाल, गुलाबी या पीले रंग का होना चाहिए। लाल रंग ऊर्जा और जुनून का प्रतीक है, गुलाबी रंग प्रेम और करुणा का प्रतीक है, जबकि पीला रंग हर्षी और उत्साह का प्रतीक है। यह रंग आपके घर में जोश और उमंग का माहौल बनाए रखते हैं और घर के सदस्यों को ऊर्जा से भरपूर रखते हैं।
उत्तर दिशा का मुख्य द्वार
अगर आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा (उत्तर) में है, तो दरवाजे का रंग नीला, काला या ग्रे होना चाहिए। नीला रंग शांति और स्थिरता का प्रतीक है, काला रंग गहराई और शक्ति का प्रतीक है, जबकि ग्रे रंग संतुलन और तटस्थता का प्रतीक है। यह रंग आपके घर में स्थिरता और सुरक्षा का माहौल बनाए रखते हैं और घर के सदस्यों को मानसिक और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करते हैं।
वास्तु शास्त्र का पालन क्यों करें?
वास्तु शास्त्र का पालन करने से घर में न केवल सुख-समृद्धि और धन की कमी होती है, बल्कि घर के सदस्यों का स्वास्थ्य और मानसिक शांति भी बनी रहती है। सही रंगों का चयन करके हम अपने घर को एक सकारात्मक और खुशहाल जगह बना सकते हैं।
निष्कर्ष
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे का सही रंग हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सही रंग न केवल घर की दिशा के अनुसार ऊर्जा को संतुलित करते हैं, बल्कि घर के माहौल को भी सकारात्मक बनाते हैं। इस प्रकार, हम अपने घर के मुख्य दरवाजों के रंग वास्तु के अनुसार चुनकर अपने जीवन में खुशहाली और सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं।
इस जानकारी का पालन करते हुए, आप भी अपने घर को वास्तु शास्त्र के अनुसार जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आनंद ले सकते हैं।
यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है| Ajab Jankari इसकी पुष्टि नहीं करता है| किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें|
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