९ अगस्त १९९१ के दिन निर्देशक सुभाष घई की सुपर ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘सौदागर’ रिलीज़ हुई थी जिसमें दिलीप कुमार, राजकुमार, जैकी श्रॉफ, विवेक मुशरान, मनीषा कोइराला, अनुपम खैर, गुलशन ग्रोवर और अमरीश पूरी ने अभिनय किया था इस फिल्म में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने संगीत दिया था और फिल्म की कहानी सचिन भौमिक, कमलेश पांडे और खुद सुभाष घई ने लिखी थी। चलिए आज हम आपको इसी फिल्म से जुड़ी कुछ रोचक बातें बतातें है।
‘सौदागर’
१. इस फिल्म में विवेक मुशरान ने जो किरदार निभाया था, उसके लिए सुभाष घई, धर्मेंद्र के पास गए थे, क्यूंकि वो बॉबी देओल को इस फिल्म के लिए साइन करना चाहते थे। मगर धरम पाजी खुद अपने बेटे बॉबी को लॉन्च करना चाहते थे। इसीलिए धरम पाजी ने सुभाष घई को इनकार कर दिया कि बॉबी इस फिल्म में काम नहीं कर सकता। अगर हां करते तो ये बॉबी देओल की डेब्यू फिल्म होती।
२. बॉबी देओल की तरफ से ना सुनने के बाद सुभाष घई आमिर खान के पास गए। उस समय आमिर खान की कुछ फ़िल्में रिलीज़ हो चुकी थी और वो बॉलीवुड में स्थापित हो चुके थे। आमिर खान ने कहानी सुनी और जब उन्हें ये पता चला कि इस फिल्म में और कौन-कौन काम कर रहा है। आमिर खान को लगा कि राजकुमार और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज इस फिल्म में होने के बाद उनके लिए करने को कुछ खास नहीं रहेगा। कहानी का पूरा फोकस इन दोनों पर ही रहेगा। यही सोचकर आमिर खान ने सुभाष घई को फिल्म सौदागर में काम करने से इनकार कर दिया।
३. फिल्म ‘सौदागर’ के लिए दिव्या भारती और पूजा भट्ट ने भी ऑडिशन दिए थे। पूजा भट्ट तो सिलेक्ट नहीं हो पायी और दिव्या भारती उम्र में बहुत ज्यादा ही छोटी दिखाई पड़ने के कारण फिल्म में रोल नहीं पा सकी।
४. साल १९९६ में फिल्म ‘तेरे मेरे सपने’ से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने वाले चंद्रचूड़ सिंह उस समय स्ट्रगल कर रहे थे और उन्होंने भी इस फिल्म के लिए ऑडिशन दिया था। सुभाष घई साहब ने उनका ऑडिशन तो लिया मगर वो सिलेक्ट नहीं हो पाए थे।
५. राजकुमार और दिलीप कुमार ने इस फिल्म से करीब ३० साल पहले एक फिल्म की थी जिसका नाम था ‘पैगाम’। ३० साल बाद फिल्म ‘सौदागर’ में फिर से एक साथ काम करने के बाद इन्होंने फिर कभी साथ में काम नहीं किया।
६. फिल्म रिलीज़ होने के बाद एक इंटरव्यू के दौरान सुभाष घई से ये पुछा गया कि उन्होंने इस फिल्म में दिलीप कुमार के सामने देव आनंद साहब को क्यों नहीं लिया? इसके जवाब में सुभाष घई ने कहा कि ‘देव साहब मेरी प्रेरणा है, वो बहुत बड़े और उम्दा कलाकार है, मैं उन्हें निर्देश देने की हैसियत नहीं रखता हूं।’ इसी वजह से उन्होंने देव साहब की जगह राजकुमार को फिल्म में लिया।
७. ये फिल्म मनीषा कोइराला और विवेक मुशरान की डेब्यू फिल्म थी। मगर बहुत कम लोग ये जानते है कि फिल्म ‘सौदागर’ से पहले ये दोनों पहलाज निहलानी की फिल्म ‘फर्स्ट लव लेटर’ में काम कर चुके थे और ये फिल्म रिलीज़ के लिए भी तैयार थी। मगर सुभाष घई के कहने पर पहलाज निहलानी ने अपनी फिल्म की रिलीज़ को रोक दिया और फिल्म सौदागर के बाद इसे रिलीज़ किया।
८. मनीषा कोइराला की एक और फिल्म ‘अनोखा अंदाज’ साल १९८९ में बनकर तैयार थी, मगर किस फिल्म को कोई खरीदने को तैयार नहीं था। इसके बाद मनीषा कोइराला के बॉलीवुड में अपने कदम जमाने के बाद इस फिल्म को साल १९९५ में रिलीज़ किया गया था।
९. फिल्म ‘सौदागर’ में अभिनेत्री अर्चना पूरन सिंह ने भी एक छोटा सा किरदार निभाया था। मगर अर्चना के मुताबिक जब उन्हें फिल्म की कहानी सुनाई गयी थी तो उनके किरदार का रोल काफी बड़ा था, लेकिन जब उन्होंने फिल्म देखी तो उनका रोल काफी हद तक एडिट करके काट दिया गया था। इसके लिए अर्चना, सुभाष घई से काफी नाराज़ हो गयी थी और लड़ाई भी की थी।
१०. बॉलीवुड के सुल्तान सलमान खान को भी फिल्म ‘सौदागर’ ऑफर की गयी थी। लेकिन सलमान खान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ पहले ही सिनेमाघरों में झंडे गाड़ चुकी थी। सलमान खान ये जानते थे किसी मल्टीस्टारर फिल्म में काम करने से उनके करियर को कुछ ख़ास फायदा नहीं मिलेगा। इसी वजह से सलमान खान ने सुभाष घई को इस फिल्म के लिए इनकार कर दिया था।
दोस्तों, आपके मुताबिक फिल्म ‘सौदागर’ में अगर सलमान खान, आमिर खान या बॉबी देओल होते तो क्या ये फिल्म सुपरहिट होती? कृपया अपना जवाब कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर दीजियेगा और जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर जरूर कीजिएगा।