बॉलीवुड के इतिहास में एक ऐसे खलनायक का आना हुआ जो डर का दूसरा नाम बनकर हिंदी सिनेमा में कई बरसो तक बना रहा। लड़कियां तो उनके जिक्र मात्र से ही डर जाया करती थी। ये उनकी खामियां नहीं बल्कि एक अभिनेता के अभिनय की जीत थी। उस प्रख्यात खलनायक का नाम था ‘प्राण‘। ये वो खलनायक थे जिसके नाम पर कोई भी मां-बाप अपने बच्चों के नाम नहीं रखना चाहता था।
Biography
12 फरवरी 1920 में पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में जन्मे प्राण कृष्ण सिकंद को लोग प्राण के नाम से जानते थे। बचपन से ही प्राण एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने लाहौर से फोटोग्राफी भी सीखी थी। मगर उनकी किस्मत उन्हें अभिनय की तरफ खींच लायी।
अनिल कपूर को हीरो बनने के लिए लेने पड़े थे पैसे उधार, इन दोनों कलाकारों ने की थी मदद
साल 1940 में एक पान की दूकान पर पान खाते समय प्राण को लेखक वली मोहम्मद वली साहब मिल गए और प्राण को एक पंजाबी फिल्म ‘यमला जट्ट’ में एक रोल ऑफर कर दिया। जो की प्राण की सबसे पहली फिल्म बनी और इन्होंने धीरे-धीरे लाहौर फिल्म इंडस्ट्री में अपना अच्छा ख़ासा नाम कमा लिया। साल 1942 से साल 1946 तक इन्होने ने लाहौर में करीब 22 फिल्मों में काम किया।
साल 1947 में भारत बंटवारे के बाद प्राण पाकिस्तान छोड़कर मुंबई में आ गए। जिसकी वजह से उनके करियर में रुकावट आ गयी और उन्हें 8 महीनों के लिए उन्हें मरीनड्राइव के ‘होटल डेल्मर’ में काम करना पड़ा।
साल 1948 में लेखक सादत हसन मंतो और अभिनेता श्याम की मदद के कारण उन्हें ‘बॉम्बे टॉकीज’ की फिल्म ‘जिद्दी’ में काम मिल गया, जिसमें उनके साथ देव आनंद और कामिनी कौशल ने काम किया था। ये वो फिल्म थी जो ना केवल प्राण साहब की खलनायकी, बल्कि देव आनंद साहब के करियर को सफल बनाने के लिए जानी जाती रही है।
फिल्म ‘जिद्दी’ के सुपरहिट होने के बाद प्राण साहब को राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे अभिनेताओं के साथ फ़िल्में मिलने लगी। उस समय हीरो तो कई थे मगर खलनायक सिर्फ एक ही रहा, जो थे प्राण साहब। इन्होंने कुछ फिल्में ऐसी भी की, जिसमें वो किशोर कुमार के साथ कॉमेडी करते हुए भी नज़र आये थे। 50 और 60 के दशक में उन्होंने ज्यादातर खलनायकी का रोल किया।
सड़क पर हुए झगड़े में अभिनेता राजकुमार ने मार डाला एक आदमी को
साल 1967 में आयी फिल्म ‘उपकार’ के ‘मलंग चाचा’ के किरदार ने उनकी छवि बदल दी। इस फिल्म में उन्होंने एक गाना भी गाया और दर्शकों को रुलाया भी था। इसी फिल्म के बाद प्राण साहब को खलनायक के अलावा दूसरे रोल भी दिए जाने लगे थे। अमिताभ बच्चन के करियर को सातवें आसमान पर पहुंचाने वाली फिल्म ‘जंजीर’ में प्राण साहब के पठानी किरदार का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है।
कहा जाता है कि इनके साहब द्वारा फिल्म ‘राम और श्याम’ में निभाए गए खलनायक के किरदार के बाद लोग सही में उनसे डरने लगे थे और उनसे नफरत करने लगे थे। मगर परदे पर नकारात्मक भूमिका निभाने वाले प्राण, असल जिंदगी में बहुत ही नरम दिल इंसान थे।
कई अभिनेत्रियों की हथेलियों पर थूक चुके है आमिर खान
4 बार ‘फिल्मफेयर’ पुरस्कार से नवाज़े गए प्राण साहब की लगभग हर फिल्म की शुरुवात में उनका नाम ‘एंड प्राण’ करके दर्शाया जाता था। जब उनकी जीवनी लिखी गयी तो उसका नाम भी ‘प्राण एंड प्राण’ रखा गया। अपनी खलनायकी के अभिनय की छाप और दहशत बनाने वाले प्राण साहब 12 जुलाई 2013 में काफी बीमार होने के बाद हमेशा हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे।
दोस्तों, क्या आपने भी प्राण साहब की फ़िल्में देखी है, इनके अभिनय ने आपको कितना प्रभावित किया है? कृपया अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं और जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा।