मशहूर अभिनेता Anil Kapoor आज बॉलीवुड की दुनिया में वो नाम है जिन्होंने बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों में काम करके अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। फिल्मों में डायलॉग बोलने का उनका अंदाज हर अभिनेता से बिलकुल हटके है। लगभग हर शैली में काम कर चुके अनिल कपूर को उनके अभिनय के लिए काफी सराहना और कई पुरस्कार भी मिल चुके है।
Anil Kapoor
24 दिसंबर 1959 के दिन मुंबई के ‘चेम्बूर’ इलाके में जन्मे अनिल कपूर के पिता फिल्म निर्माता सुरेंद्र कपूर है। Anil Kapoor ने अपने बॉलीवुड के सफर की शुरुवात साल 1979 में उमेश मेहरा की फिल्म ‘हमारे तुम्हारे’ में सहायक अभिनेता की भूमिका के साथ की थी। इसके बाद साल 1980 में ‘हम पांच’ और साल 1982 ने ‘शक्ति’ फिल्म में कुछ मामूली भूमिकाएं भी की थी।
बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी मुश्किलों के बाद इन्हें साल 1983 में आयी फिल्म ‘वो सात दिन’ में काम करने का मौका मिला। ये फिल्म ‘अंधा 7 नाटकल’ नामक तमिल फिल्म का रीमेक थी जो साल 1981 में रिलीज़ हुई थी। पिता सुरिंदर कपूर और भाई बोनी कपूर इस फिल्म का निर्माण कर रहे थे, मगर इस फिल्म रीमेक होने के कारण इसके राइट्स लेने के लिए इनके पास पैसे नहीं थे।
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इस तमिल फिल्म के राइट्स खरीदने के लिए Anil Kapoor को 50 हजार रुपयों की जरुरत थी। मगर पिता और भाई दोनों भी इस हालत में नहीं थे कि इस फिल्म के राइट्स खरीद सके।
ऐसे में Anil Kapoor की मदद के लिए संजीव कुमार और शबाना आज़मी आगे आये। जी हां दोस्तों, इन दोनों कलाकारों ने मिलकर अनिल कपूर को 50 हजार रुपये दिए थे और इन्हीं के जरिये अनिल कपूर को बॉलीवुड में एक बड़ा ब्रेक मिला।
साल 1983 में जब यह फिल्म बनाकर रिलीज़ हुई तो इसके किरदार प्रेम प्रताप पटियाले वाले ने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली। इस फिल्म की सफलता के बाद अनिल कपूर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक कई सफल फ़िल्में जैसे ‘मशाल’, ‘मेरी जंग’, ‘कर्मा’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘तेज़ाब’, ‘राम लखन’ देकर स्टारडम की ऊंचाइयों को हासिल किया।
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One thought on “क्यों Anil Kapoor को हीरो बनने के लिए लेने पड़े थे पैसे उधार”