Bollywood Ke Kisse – Actor Prem Chopra has fear of Ghost told in an interview
बॉलीवुड में कुछ ऐसे खलनायक भी रहे है जिन्होंने अपने किरदारों से खलनायिकी को बहुत ऊंचे मुकाम तक पहुंचाया है। परदे पर खलनायिकी का अभिनय करने वाला हर अभिनेता एक इंसान ही होता है, जो निजी जिंदगी में वैसा नहीं होता जैसा वो परदे पर दिखाई देता है। अगर लोग इन्हें परदे पर देखकर डरते है तो ये भी असल जिंदगी में किसी ना किसी चीज से डरते है। ऐसे ही एक खलनायक है Prem Chopra , जिन्हें भूतों से ज्यादा डर लगता है। तो चलिए जानते है उनके बारे में।
साल 1960 में पंजाबी फिल्म के साथ अपने फ़िल्मी करियर की शुरुवात करने वाले प्रेम चोपड़ा, जिनका एक डायलॉग ‘प्रेम नाम है मेरा प्रेम चोपड़ा’ दर्शकों को आज भी याद है। साल 1964 में प्रेम चोपड़ा ने हिंदी फिल्मों में खलनायक के रूप में कदम रखा। मनोज कुमार और साधना के अभिनय से सजी फिल्म ‘वो कौन थी’ में पहली बार Prem Chopra को खलनायक के रूप में देखा गया।
कई पॉजिटिव किरदार निभाने के बावजूद प्रेम चोपड़ा ने इस इंडस्ट्री में खलनायक के रूप में अपनी पहचान बनाई। प्रेम चोपड़ा ने अपने फ़िल्मी करियर में करीब 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उनकी खलनायिकी को दर्शकों ने खूब पसंद करते और साथ ही डरते भी थे।
अपने एक इंटरव्यू में Prem Chopra ने ये बताया था कि वो खुद किससे डरते है। इस इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि ‘निजी जिंदगी में वो जितने शरीफ है उनके फ़िल्मी किरदार में वो शरारत नज़र आती, ऐसा क्यों?’ इस सवाल के जवाब में प्रेम चोपड़ा ने कहा कि ‘ये मेरी शराफत ही तो है जो बदतमीजी वाले किरदार भी शराफत से किये जा रहा हूं।’
इसके बाद उनसे पूछा गया कि लोग फिल्मों में आपको देखकर डरते है। तो आपको भी तो कभी किसी से डर लगता होगा? इस पर Prem Chopra ने कहा कि क्यों नहीं? खौफ और डर का जज्बा हमने भी महसूस किया है। बचपन में हम कुछ उल्टी-सीधी हरकतें किया करते थे तो अपने पिताजी से डर लगता था। आजकल शौहर अपनी बीवी से डरते है। इसके अलावा भूत-प्रेत का डर होता है, जानवरों का डर होता है, मौत का डर होता है। हर इंसान के अंदर कोई न कोई डर जरूर होता है।’
इसके बाद उनसे जब पूछा गया कि ‘फिल्मों में आपको देखकर लोग आपसे नफरत करते है, क्या आप नहीं चाहते कि वो लोग आपसे मोहब्बत करें?’ इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ‘ये आप कैसे कह सकते है कि लोग मुझसे मोहब्बत नहीं करते। किसी जमाने में लोग खलनायक के किरदार को बिल्कुल नफरत की नज़र से देखते थे, क्यूंकि वो शायद फ़िल्मी मीडिया को इतना समझते नहीं थे।’
आगे उन्होंने बताया कि ‘आजकल लोग जो फ़िल्में देखते है, वो फिल्म मीडिया को अच्छे से समझते है और हर उस एक्टर की परफॉरमेंस जो उन्हें पसंद आती है उसे सराहते है। हर रोल चाहे वो नेगेटिव हो या पॉजिटिव। लेकिन अगर उन्हें नेगेटिव रोल अच्छा लगता है तो वो उसे बार-बार देखने जाते है। बहुत सी ऐसी फ़िल्में रिलीज़ हुई है, जिनमें लोगों को नेगेटिव किरदार पसंद आये है। फ़िल्में कामयाब होने की वजह ये भी है। आजकल लोग परफॉरमेंस की सराहना करते है।’