भारत में क्रिकेट को सबसे पॉपुलर खेल माना जाता है। क्रिकेट में अच्छी बल्लेबाजी देखकर दर्शकों को काफी अच्छा लगता है। एक साधारण क्रिकेट बैट तो आपने कई बार देखे होंगे, मगर आज हम आपको कुछ ऐसे ANOKHE CRICKET BAT के बारे में बताएंगे जो देखने में अजीब और अनोखे बैट थे।
ANOKHE CRICKET BAT
मंगूस बैट | Mangoos Bat
इस अजीब से दिखने वाले बैट का इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज मैथ्यू हैडन ने साल 2010 की आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ किया था। इस बैट की सबसे बड़ी खासियत थी कि इस बैट की डिजाइन पॉवरफुल शॉट्स लगाने के लिए किया जाता है। इसके चलते उस मैच में मैथ्यू हैडन ने 43 बॉल में 93 रन बनाये थे। बाद में हैडन ने इसका इस्तेमाल नहीं किया क्यूंकि इस बैट से डिफेंड करना बेहद मुश्किल था।
गोल्डन बैट | Golden Bat
साल 2015 में हुए बिग बैश लीग में क्रिस गेल के इस्तेमाल के लिए इस गोल्डन स्पार्टन बैट को इंडिया से ऑस्ट्रेलिया लाया गया था। इस बैट को देखकर लोगों का यह कहना था कि इसका गोल्डन रंग किसी मेटल की वजह से है। मगर बाद में स्पार्टन के मालिक कुणाल शर्मा ने यह बताया कि इस बैट का बेस कलर ही गोल्डन है और इसे क्रिकेट के नियमों के अनुसार ही इस बैट को बनाया गया है और इसके किसी भी मेटल का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
कार्बन ग्रेफाइट बैट | Carbon Graphite Bat
साल 2005 में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने इस बैट का इस्तेमाल किया था। खास बात यह है कि इस बैट के पीछे की तरफ एक कार्बन ग्रेफाइट की पट्टी लगी हुई थी और इसी की वजह से यह बैट काफी ताकतवर थी। क्रिकेट बोर्ड के परिक्षण के बाद इस बैट के इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी गयी थी। मगर इसके पहले ही पॉइंटिंग ने इसी बैट से खेलते हुए साल 2004-2005 में पकिस्तान के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में डबल सेंचुरी लगायी थी।
ब्लैक बैट | Black Bat
वेस्टइंडीज टीम के ऑल राउंडर आंद्रे रसेल ने इस बैट का इस्तेमाल बिग बैश लीग में किया था। पहले तो ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने इस बैट को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी मगर बाद में इस पर पाबंदी लगा दी गयी। जिसका कारण इस बैट पर लगा काला रंग था जो बॉल पर अपना दाग छोड़ दिया करता था, जिसकी वजह से बॉल का रंग बदल जाया करता था।
मॉन्स्टर बैट | Monster Bat
साल 1771 में इंटरनेशनल क्रिकेट शुरू होने से पहले इस बैट का इस्तेमाल थॉमस वाइट नामक एक क्रिकेटर ने किया था। चेर्टसी और हेम्ब्लटन के बीच हुए इस मैच में पहली बार इस बैट को इस्तेमाल किया गया था। बता दें कि यह बैट इतना चौड़ा था कि इससे पूरे स्टंप्स को कवर किया जा सकता था।
एल्युमीनियम बैट | Alumanium Bat
15 दिसम्बर 1979 में ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे एशेज सीरीज के दौरान इस एल्युमीनियम बैट का इस्तेमाल किया था। इस बैट को देखकर सब आश्चर्यचकित हुए थे। कुछ 4 गेंदे खेलने के बाद इंग्लैंड के कप्तान माइक ब्रेयरली ने अंपायर से बॉल को छति पहुंचने की शिकायत की। जिसके बाद अंपायर ने डेनिस लिली को इस बैट से खेलने के लिए मना कर दिया था। बहुत समझाने के बाद डेनिस लिली ने यह बैट गुस्से में मैदान में फेंक दी थी और दूसरी बैट से खेलना शुरू किया था।
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