बॉलीवुड का एक ऐसा सुपरस्टार जिसने फ़िल्मी दुनिया के अलावा अपनी जिंदगी में बहुत कुछ देख लिया है। ये राजनीति अच्छी तरह से जानते है क्यूंकि इनके पिता और बहन खुद राजनीति में थे। इनके अंडरवर्ल्ड से भी रिश्ते रहे है जिसकी वजह से इन्हें पुलिस के घेरे में आना पड़ा और कई बार जेल भी जाना पड़ा।
हम बात कर बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता Sanjay Dutt की। क्यूंकि संजय दत्त इतनी कुछ चीजों से जुड़े हुए है, इसीलिए बॉलीवुड में उनका नाम है। मगर शायद ही आप ये जानते होंगे कि संजय दत्त जब गोवा गए हुए थे अपनी फिल्म ‘कांटे’ की शूटिंग के लिए, तो वहां पर 4 शूटर पिस्टल लेकर संजय दत्त को मारने के लिए घूम रहे थे।
एस. हुसैन जैदी की किताब ‘माय नेम इज अबू सलेम’ के मुताबिक साल 2001 में डी कंपनी और अबू सलेम के बीच अनबन चल रही थी। इसके बाद कभी दावूद के ख़ास रहे छोटा राजां और दावूद इब्राहिम का दाहिना हाथ कहे जाने वाले छोटा शकील उसके खून का प्यासा था। साल 2001 में अबू सलेम इन सभी के डर से अमेरिका में रह रहा था। तभी ‘न्यूजर्सी’ में एक बॉलीवुड का इवेंट रखा गया था, जिसमें बॉलीवुड के कई बड़े सितारे आने वाले थे और संजय दत्त भी उनमे से एक थे।
अबू सलेम और Sanjay Dutt में काफी अच्छी दोस्ती थी तो अबू सलेम ने संजय को फ़ोन करके उस इवेंट में मुलाकात करने की इच्छा जताई। हालांकि अबू सलेम के इस प्रोग्राम के बारे में अब केवल संजय दत्त को मालूम था। मगर छोटा शकील की गैंग से अबू सलेम के एक इनफॉर्मर का फ़ोन आता है जो उसे बताता है कि छोटा शकील ने होने वाले इस इवेंट में अबू को मारने की प्लानिंग कर ली है, पूरे स्टेडियम की रेकी भी कर ली है और देख लिया है कि अबू को कब और कैसे उड़ाना है।
इस बात का पता चलते ही Abu Salem के पैरों की जमीन खिसक गयी। क्यूंकि अबू सलेम ने ये बात सिर्फ और सिर्फ अपने दोस्त Sanjay Dutt से कही थी और उसके अलावा किसी और से इस बात का जिक्र भी नहीं किया था। इसी वजह से अबू ने आखिरी वक्त में अपना प्रोग्राम रद्द कर दिया। सलेम को पता चल गया था कि संजय ने छोटा शकील को उसके प्लान के बारे में बताया था और अब वो संजय को मारने की प्लानिंग करने लगा।
इस घटना के चार महीने बाद Sanjay Dutt अपनी फिल्म ‘कांटे’ के एक गाने ‘इश्क समंदर’ के की शूटिंग करने के गोवा गए थे। वहां पर उनके दोस्त संजय गुप्ता भी उनके साथ थे। अबू सलेम को जब इस बात का पता चला कि संजय दत्त गोवा में है तो उसने अपने 4 शूटर गोवा में संजय दत्त को मारने के लिए भेज दिए। अपने शूटरों को अबू सलेम ने हिदायत दे दी थी कि संजय दत्त को गोवा में या फिर गोवा से वापस लौटते समय मुंबई एयरपोर्ट पर ही ख़त्म कर दें।
Sanjay Dutt को इस बात का पता एक इनफॉर्मर के द्वारा पता चली तो वो और उनके दोस्त संजय गुप्ता होटल के कमरें में ही रूक गए और तय कर लिया कि जब तक वो इस प्लान को फेल नहीं कर लेते तब तक वो इस कमरें से बाहर नहीं निकलेंगे।
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इसके बाद Sanjay Dutt ने उसी कमरें से फ़ोन लगाना शुरू किया और ऐसे आदमी की तलाश करने लगे अबू सलेम के इस फैसले को रोक सकता हो। आखिरकार दर्जनों फ़ोन लगाने के बाद संजय दत्त ने अबू सलेम के सबसे गहरे दोस्त अकबर खान से बात की। अकबर खान वो शख्स था जिसने साल 1993 के बम ब्लास्ट के बाद अबू सलेम को भारत से भागने में मदद की थी। ये वो शख्स था जिसने अबू सलेम को अपनी कार में बिठाकर काठमांडू ले जाकर सीमा पार करने में मदद की थी।
Sanjay Dutt को ये यकीन था कि अकबर खान के अबू सलेम पर इतने बड़े एहसान है कि वो अकबर खान की बात नहीं टाल सकेगा। आखिरकार अकबर खान के बीच में आने से और बातचीत करने से अबू सलेम अपने इस प्लान को अंजाम देने से रुक गया। मगर उसने एक शर्त रखी कि संजय दत्त उससे माफ़ी मांगे। इसके बाद संजय दत्त ने होटल के उसी कमरें से अबू सलेम को फ़ोन किया और उससे माफ़ी मांगी, फिर उस कमरें से बाहर निकले।
इसके बाद संजय दत्त एयरपोर्ट पहुंचे और मुंबई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद संजय को लेने के लिए खुद अकबर खान पंहुचा था। अकबर खान ने संजय दत्त को अपनी गाड़ी में बिठाकर उनके घर तक छोड़ा था। अकबर खान ने अपने इस काम की अच्छी खासी रकम भी वसूल की, उसने संजय गुप्ता से कई बार उनके ऑफिस से लाखों रुपये लिए थे।
दोस्तों, क्या आप ये समझते है कि आज भी कहीं न कहीं बॉलीवुड पर अंडरवर्ल्ड की वो दहशत है जो कुछ सालों पहले तक हुआ करती थी। कृपया अपना जवाब कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर दीजियेगा और जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर जरूर कजियेगा।
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