Ajay Devgan के पिता Veeru Devgan अब हमारे बीच नहीं रहे। बॉलीवुड में एक स्टंट डायरेक्टर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले वीरू देवगन ने साल 1999 की फिल्म हिन्दुस्तान की कसम का निर्देशन भी कर चुके थे। इस फिल्म में अजय देवगन, अमिताभ बच्चन और मनीषा कोइराला ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
Veeru Devgan | वीरू देवगन
Veeru Devgan जी का जन्म अमृतसर में हुआ था और इनकी शादी के बाद पत्नी वीणा से इनके चार बच्चे हुए, जिनमें से अजय देवगन अभिनेता और उनके दुसरे बेटे अनिल देवगन बतौर निर्देशक बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है। आपको बता दें कि अजय देवगन आज जिस मुकाम पर है, उन्हें यहां तक पहुंचाने में वीरू देवगन का बहुत बड़ा हाथ था। चलिए आज हम आपको इनकी ही कुछ रोचक और अनसुनी बात बताते है।
साल 1957 में 14 साल की उम्र में Veeru Devgan बॉलीवुड में काम के लिए अपने घर से भाग गए थे और ट्रैन में बिना टिकट के सफर करने पर उन्हें अपने दोस्तों के साथ जेल जाना पड़ा था।
जेल से बाहर आने के बाद मुंबई में साथ स्ट्रगल कर रहे दोस्तों ने हार मान ली और अमृतसर वापस लौट गए। मगर वीरू देवगन ने हार नहीं मानी और कभी कारपेंटर तो कभी टैक्सी की साफ़-सफाई का काम करते हुए यहीं पर स्ट्रगल किया।
काम करते हुए Veeru Devgan ने कई स्टूडियो के चक्कर भी काटे, मगर जल्दी ही उन्हें ये अहसास हो गया की उस दौर में फिल्मों में अभिनेता बनना बेहद मुश्किल था और बन भी गए तो सफल होना उससे भी ज्यादा मुश्किल था।
इसी वजह से वीरूजी ने फिल्म इंडस्ट्री की दूसरी फील्ड में अपनी किस्मत आजमानी शुरू कर दी और साल 1974 में उन्होंने स्टंट कोरियोग्राफर के तौर पर ‘रोटी, कपडा और मकान’ में काम किया। इसके बाद इन्साफ, सत्यम शिवम् सुंदरम, क्रांति और फूल और कांटे जैसी फिल्मों में स्टंट डायरेक्टर रहे।
कहीं न कहीं Veeru Devgan के मन में अभिनेता बनने का सपना अब भी मौजूद था और इसी वजह से उन्होंने अपने बेटे Ajay Devgan को एक अभिनेता बनाने की ठान ली।
जब Ajay Devgan को 1991 में आयी फिल्म ‘फूल और कांटे’ ऑफर हुई थी उस समय उनकी उम्र महज 18 साल थी और अजय देवगन ने पहले इस फिल्म को करने से मना कर दिया था। मगर पिता वीरू देवगन मेहनत और लगन के आगे अजय को यह फिल्म करनी पड़ी, जो काफी हिट भी हुई थी।
इसके पहले अपने बेटे को फिल्मों में लाने से पहले छोटी उम्र से ही एक्टिंग, एक्शन, उर्दू सीखना और हॉर्स राइडिंग वगैरह की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी। जब Ajay Devgan थोड़े बड़े हुए तो पिता वीरू देवगन उन्हें अपने साथ सेट पर भी ले जाने लगे और साथ ही अपनी एक्शन टीम का हिस्सा भी बना लिया। इसी वजह से Ajay Devgan को फिल्ममेकिंग की बारीकियां भी सिखने को मिली और अजय देवगन ने उनकी फिल्म दुश्मनी में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर भी काम किया।
बहरहाल, आज Ajay Devgan की बॉलीवुड में जो अपनी पहचान बनाई है उसका पूरा-पूरा श्रेय उनके पिता वीरू देवगन को जाता है। ऐसे मेहनती पिता की छत्र-छाया में पले अजय देवगन आज अपने पिता की उस छाया से महरूम होकर रह गए है। हम ऐसे पिता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
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