बॉलीवुड में आज के समय में ऐसे सितारे है बहुत कम है जिन्हें नाचना नहीं आता है, मगर पहले के समय में ज्यादातर अभिनेताओं में से बहुत कम लोगों को ही नाचना आता था। जैसे राजेंद्र कुमार, धर्मेंद्र, दिलीप कुमार, राज कपूर, रणधीर कपूर, मनोज कुमार इत्यादि। ये शायद कम ही लोग जानते है कि सदी के महानायक कहे जाने वाले Amitabh Bachchan को भी नाचना नहीं आता था और इसी वजह से के फिल्म की शूटिंग के दौरान वो खूब रोये थे। चलिए जानते है पूरा किस्सा।
ये बात है उस समय की जब साल 1972 में निर्माता-निर्देशक और मशहूर अभिनेता मेहमूद साहब ‘Bombay To Goa’ नामक फिल्म बना रहे थे। अमिताभ बच्चन के लीड रोल वाली यह पहली फिल्म थी।
मेहमूद साहब का नजरिया अमिताभ को लेकर कुछ ऐसा था कि एक बार उन्होंने कहा था कि ‘मैं एक्टर के तौर पर अमिताभ से बेहद प्रभावित हुआ था। Amitabh Bachchan की आंखें, उसकी आवाज से ज्यादा बोलती थी। मगर अमित को एक टिपिकल बॉलीवुड एक्टर के रूप में तब्दील करना बहुत मुश्किल था, क्यूंकि वो बहुत शर्मीला था। इस पर जब बात नाचने की आती थी तो एकदम भोंदू था।’
हुआ यूं कि फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ के एक गाने में तो Amitabh Bachchan नाच ही नहीं पा रहे थे और दूसरा गाना ‘देखा ना हाय रे सोचा ना’ जो बस में फिल्माया जाना था, इस गाने पर नाचने से पहले ही अमिताभ हार मान चुके थे।
शूटिंग के दौरान एक दिन अमिताभ शूटिंग पर नहीं गए और अपने कमरे में ही रहे। उन्हें 102 डिग्री बुखार भी था। जब मेहमूद साहब Amitabh Bachchan के कमरे में पहुंचे तो वो सुबकते हुए उनके पैरो पर गिरकर गिड़गिड़ाते हुए रोकर मेहमूद से कहने लगे कि ‘भाईजान, अब मुझसे नहीं होगा ये डांस-वांस।’ तो मेहमूद ने उनसे कहा कि ‘आदमी चल सकता है तो वो नाच भी सकता है।’
Mehmood ने अपने डांस मास्टर को ये हिदायत दे दी कि दूसरे दिन जब Amitabh Bachchan शूटिंग के लिए आये तो केवल एक ही टेक में अमिताभ जो भी करें, उस पर सारे लोग तालियां बजाये। फिर क्या था अगली सुबह अमिताभ शूटिंग पर आये और पहले टेक में बहुत ही गन्दा डांस किया, जिस पर सारे लोगों ने तालियां बाजई।
इस तरह की हौसला अफजाई देखकर अमिताभ बच्चन में आत्मविश्वास जाग गया और उन्होंने पूरा गाना इसी आत्मविश्वास में पूरा कर लिया और जो गन्दा वाला शॉट उन्होंने शुरुवात में दिया था वो भी आखिर में फिर से फिल्माया गया।
एक के बाद एक कई फ्लॉप फ़िल्में देने के बाद Amitabh Bachchan अपना आत्मविश्वास खो चुके थे। अगर मेहमूद साहब ने इन्हें ये फिल्म ना दी होती और उनका आत्मविश्वास ना जगाया होता तो बॉलीवुड की कहानी कुछ और होती। ये खुद अमिताभ बच्चन भी मानते ही कि उस वक़्त अगर मेहमूद ना होते तो शायद आज वो यहां नहीं होते।
दोस्तों, आपके मुताबिक अगर मेहमूद ने अमिताभ को ये फिल्म ना दी होती तो क्या उनका करियर आगे बढ़ पाता? कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं और जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे लाइक और शेयर जरूर कीजियेगा।