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ऑस्ट्रेलिया में स्थित हीलियर नामक इस झील को गुलाबी झील के नाम से भी जाना जाता है|
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इस झील को रात के समय देखने पर सामान्य दिखाई देती है मगर दिन में ये रंग बदलकर गुला
बी रंग की हो जाती है|
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15 जनवरी 1802 में मैथ्यू फील्डर्स नामक वैज्ञानिक ने इस झील का पता लगाया था| जिसके बाद ये झील चर्चा में
आयी थी|
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धीरे-धीरे यह झील दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने लगी और आज कई पर्यटक इस झील को देखने के लिए इस जगह पर आते है|
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यह झील ज्यादा लंबी-चौड़ी तो नहीं है, मगर इसकी ख़ूबसूरती देखते ही बनती है|
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इस झील तक पहुंचने के लिए कठिन रास्ता होने के बावजूद लोग इसकी ख़ूबसूरती देखने के लिए यहाँ पहुंचते है|
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इस झील के गुलाबी रंग के होने का कारण इसमें पाई जाने एल्गी और बैक्टेरिया है|
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हालांकि एल्गी और बैक्टेरिया होने के बावजूद यह झील मानव और अन्य वन्य जीवन को
किसी तरह का नुक्सान नहीं पहुँचाती है|
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इस झील में 'डेड सी' की ही तरह नमक की मात्रा बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से इसमें तैराकी करना भी बहुत आसान हो जाता है
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